कैसे बनें एक सफल रियल एस्टेट ब्रोकर

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Real Estate Business दुनिया के सबसे बड़ा बिजनेसों में गिना जाता है. शायद आपको जानकार आश्चर्य हो की अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी इस बिजनेस के माहिर खिलाड़ी हैं.

दोस्तों, रियल एस्टेट बिजनेस यानि अचल संपत्ति या ज़मीन, मकान, दुकान इत्यादि खरीदने-बेचने या किराए पर देने का व्यापार भारत में तेजी से बढ़ रहा है. और इसी वजह से आज की तारीख में इस व्यापार में अनगिनत अवसर उपलब्ध हैं. उन्ही अवसरों में से एक बेहद अहम और फायदेमंद opportunity है Real Estate Consultant या property dealer बनने की.

कौन होता है प्रॉपर्टी डीलर / रियल एस्टेट कंसल्टेंट / रियल एस्टेट ब्रोकर / प्रॉपर्टी एजेंट ?
Property dealer वह व्यक्ति होता है जो मकान, दुकान, जमीन इत्यादि की बिक्री करने अथवा किराए पर उठाने में एक mediator का काम करता है. एक तरह से वह प्रॉपर्टी ओनर और बायर या किरायेदार के बीच का ब्रिज होता है और इन दोनों पार्टियों को आपस में मिलाकर डील फाइनल कराता है. इस काम के बदले में उसे commission या brokerage मिलती है जो कुछ हज़ार से लेकर कई लाख रुपये तक हो सकती है.
कोई रियल एस्टेट प्रॉपर्टी एजेंट कितनी brokerage कमा सकता है?

अमूमन कोई प्रॉपर्टी किराए पर उठवाने पर agent, आधे महीने से लेकर 2 महीने तक का रेंट बतौर कमीशन ले सकता है. वह दोनों तरफ से कमीशन लेता है- owner से भी और tenant से भी. और प्रॉपर्टी की सेल पर उसे जितने में प्रॉपर्टी बिकी उसका आधा से 2% तक कमीशन मिल सकता है. बहुत से रियल एस्टेट एजेंट इसी काम से हर महीने लाखों रूपये तक कमाते हैं.
एक रियल एस्टेट एजेंट / property dealer क्या-क्या करता है?
  • property खोजना
  • ओनर से डील करना
  • ग्राहक का पता लगाना
  • प्रॉपर्टी दिखाना
  • प्रॉपर्टी का रख-रखाव- जैसे रंगवाना, मरम्मत करवाना, इत्यादि
  • डील फाइनल होने पर rent agreement बनवाना
  • जमीन बिकने पर registry office में ज़मीन रजिस्टर कराना
  • दुकान बिकने पर related papers तैयार कराना.
  • मकान खाली होते वक़्त चेक करना कि
    • मकान सही हालत में है
    • बिजली बिल जमा है
    • हाउस टैक्स जमा है
    • इत्यादि

Note: ज़रूरी नहीं कि हर मामले में यहाँ mentioned सारी चीजें आपको करनी पड़ें. क्या करना पड़ता है ये case to case differ करेगा.

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कंसल्टिंग फर्म  में कमाई कैसे की जाती है ?


कंसल्टिंग फर्म  का काम घर खरीददारों को सही प्रोजेक्ट की तलाश करना होता है ,  और जब घर खरीददारों को आपकी सुझाई गयी प्रॉपर्टी पसंद आ जाती है तो वह उसमे निवेश करता है |  उसके बाद आपका काम उस घर खरीददार को डेवलपर  के पास ले जाकर उसकी पसंद की गई प्रॉपर्टी को बुकिंग कराना होता है |  ऐसा करने  पर बिल्डर आपको कमीशन देता है जो की पहले से तय होता है | यह कमीशन 3 से 8 फीसदी तक होता है | औसत मानकर चले तो यदि आप किसी प्रॉपर्टी को 30 लाख में बिकवा देते है तो आपको 1.5 लाख रूपये मिलेंगे , और ऐसे ही दो डील महीने  करा देते है तो आप 2 से 3 लाख रूपये हर महीने कमा सकते हैं |


इस बिज़नस में बरकरार  रहने के लिए क्या जरुरी है ?


आपने आजकर पेपर या न्यूज़ के माध्यम से ऐसे कई प्रॉपर्टी देखि होंगी जो की पूरी तरह मिथ्या होती है | या जो कुछ भी विज्ञापन में दिखाया गया होता है वैसे कुछ होता ही नहीं है | ऐसे  काम उन छोटे कंसल्टिंग फर्म   या प्रॉपर्टी डीलरों का होता है जो बहुत जल्द पैसा कमाने के लिए लोगो को ठगने में लगे रहते  है , और इन्ही लोगो के कारण कभी कभी अच्छी डील भी हाथ से निकल जाती ,  क्योकि खरीददार पहले ही कंसल्टिंग फर्म   को संदिग्ध नजरो से देखता  है | ऐसे में आपको खरीददाता का अपने ऊपर विश्वास बनाना सबसे महत्वपूर्ण काम है | खरीददारों की जरूरत समझते हुए उन्हें किसी प्रॉपर्टी की सही जानकारी उपलब्ध कराई जाये तो न केवल इस बिज़नस में सफलता पाई जा सकती है बल्कि मार्किट में अपनी एक नयी पहचान भी स्थापित की जा सकती है |


इस बिज़नस में क्या समस्याएं हैं ?


वैसे इस बिज़नस को शुरुआत करना बहुत आसान है , लेकिन हर बिज़नस की तरह इस बिज़नस में प्रतिस्पर्धा  अधिक है | एक खरीददार से कई कंसल्टिंग फर्म   सम्पर्क करती है , इसके अलावा बिल्डरों से अच्छा व्यवहार स्थापित करना यानी कमिशन स्लैब लेना जरुरी होता है | क्योकि बिल्डर अधिकतर बड़ी कंसल्टिंग फर्म   को ही अधिक कमीशन देते है , क्योकि वे अधिक प्रॉपर्टी की सेल्लिंग करवाते है | तथा बड़ी कंसल्टिंग फर्म   कमीशन का एक हिस्सा खरीददार को भी देते है जिससे प्रॉपर्टी की कीमत कम हो जाती है | और यही वजह है की नए कंसल्टिंग फर्म   कम्पनी को खरीददार बहुत कम मिलते है | कई मामलो में तो कमीशन मिलना मुश्किल हो जाता है , बिल्डर आपको पहले से ही तय समय पर कमिशन देते है और यह कमीशन कभी कभी रुक जाता है या मिलता ही नहीं | कंसल्टिंग फर्म   की शुरुआत करने से पहले आपको किसी ऐसे बिल्डर से सम्पर्क स्थापीत करना होगा जिसकी मार्केट में अच्छी साख हो |

Property Dealer या Consultant बनना एक ऐसा काम है जिसमे आप बिना किसी लागत के अचल संपत्ति कमा सकते है. इस काम में सफल होने के लिए नीचे दिये गए 5 महत्वपूर्ण टिप्स जरूर पढ़ें:

एक सफल रियल एस्टेट प्रॉपर्टी डीलर बनने के 5 टिप्स

1) पढाई से ज्यादा तजुर्बे पर ध्यान दें:
यह कारोबार शुरू करने के लिए ज्यादा तकनीकी शिक्षा की जरुरत नहीं है. कुछ निजी संस्था ऐसे कोर्स कराती हैं लेकिन यह कारोबार आप अनुभव से ज्यादा अच्छी तरह सीख सकते है. लगभग 6 महीने से 1 साल का अनुभव इस कारोबार को शुरू करने के लिए सही है.
तजुर्बा लेते समय यह बातें सीखें
  • प्रॉपर्टी किस माध्यम से आप ढूंढ सकते हैं
  • ग्राहक कैसे आपको मिल सकते हैं
  • क़ानूनी दस्तावेज कौनसे जरुरी है
  • प्रैक्टिकल वर्क कैसे करें
  • फ्लैट, जमीन इत्यादि से सम्बंधित mathematical calculation

2) Soft skills use करें और विश्वनीयता बनाए रखें:
As a property dealer आपको मकान मालिक या land owner के साथ साथ अपने ग्राहकों से भी रोजाना डील करना होगा. ऐसे में आपकी communication skills अच्छी होनी चाहियें. आपको न सिर्फ concerned parties से politely बात करना आना चाहिए बल्कि आपको अपनी हर एक activity में trust factor को सबसे अधिक महत्त्व देना चाहिए.इस बिजनेस में कई बार property owner खुद प्रॉपर्टी दिखाने के लिए मौजूद नहीं होता और अपने premises की चाभी रियल एस्टेट एजेंट को देता है. इसलिए अगर आप ट्रस्ट फैक्टर में फिट नहीं होंगे तो कम ही लोग आपके साथ डील करेंगे. ट्रस्ट पैदा करने का सबसे आसान तरीका है – अपना एक ऑफिस खोलकर काम करें, transparency बनाए रखें, और जो commitment करें उसे पूरा करें.
3) प्रॉपर्टी ढूंढने के लिए इन तरीकों को अपनाएं:
सबसे पहले आप यह कारोबार आप किस क्षेत्र में करना चाहते है उस क्षेत्र की पूरी मालूमात आपको होनी जरूरी है हाथ में एक मोबाइल और घूमने के लिए दुपहिया है तो एकदम बढ़िया सबसे पहले पूरे क्षेत्र में घूमकर कौन सी प्रॉपर्टी किराए से और बेचने के लिए है इसकी एक लिस्ट बनानी होगी.

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                                                            प्रॉपर्टी ढूंढने के माध्यम
  • दैनिक अखबार से हर रोज आपको अच्छी प्रॉपर्टी की जानकारी मिलेगी
  • इंटरनेट पर Magic Bricks, 99एकर्स, Quikr, कॉमनफ्लोर और ऐसी बहुत सारी वेबसाईट से प्रॉपर्टी मिल सकती है
  • सोशल नेटवर्क पर बनाए गए ग्रुप फेसबुक ग्रुप पेज व्हाट्स ऍप ग्रुप से भी अच्छी information निकाली जा सकती है
  • और सबसे जरुरी है पहचान यानि अपने contacts के माध्यम से property locate करना
 एक बार मेहनत करके आगे आपने properties का डेटाबेस तैयार कर लिया तो अब बस आपको उनके लिए एक सही ग्राहक ढूँढना बाकी रह जाएगा.

ग्राहकों को ऐसे ढूंढे:
कारोबार करने के लिए आपको ग्राहकों की जरूरत होती है. यह ग्राहक आपको इन माध्यमों से मिल सकते हैं:
  • ऑफिस खोलकर- ऑफिस सही जगह पर होना जरूरी है जहां से ग्राहक आपसे आसानी से संपर्क कर सके
  • अखबार – अखबार में छोटे-छोटे विज्ञापन देकर
  • इंटरनेट – मॅजिक ब्रिक्स- ९९एकर्स- क्विकर- कॉमनफ्लोर कुछ ऐसी वेबसाइट है जो रियल एस्टेट के विज्ञापन करती है इन वेबसाइट के पैकेज ले के विज्ञापन के जरिये भी आपको ग्राहक मिल सकते हैं
  • आप खुदकी वेबसाइट बनाके और उसे google, facebook आदि पे प्रमोट करके भी आप ग्राहक बना सकते हैं
  •  
  • और रियल एस्टेट के लिए जस्ट डायल भी ग्राहक से संपर्क करने का अच्छा माध्यम है

एक बार अगर किसी ग्राहक से कांटेक्ट हो जाए तो पूरी कोशिश करिए कि आप उसे उसके मन लायक प्रोपर्टी दिखा दें. Actually, इस field में competition बहुत है और अगर आप थोड़े से भी ढीले पड़े तो आपका बिजनेस किसी और के पास चला जाएगा.

5) काम कैसे करें और मुनाफा कैसे कमाएं
प्रॉपर्टी आमतौर पर 4 श्रेणियों में होती है
  1. रेजिडेंशियल – यानि apartment flat, बंगलो, रो हाउस, मकान जिसमे लोग रहते हैं
  2. कॉमर्शियल – बिजनेस के लिए दुकान, show-room, इत्यादि
  3. इंडस्ट्रीअल – फैक्ट्री या manufacturing unit setup करने के लिए जगह
  4. जमीन

बतौर कंसल्टेंट आप इन properties को या तो किराए पर उठवाते हैं या इनकी sale कराते हैं.

किराये पर –
इसमें रेंटल के आधार पर डील करवा के आपको ब्रोकरेज मिल सकता है. इसके लिए आपको सबसे पहले ग्राहक को available properties दिखानी पड़ती है. चूँकि working days में लोग बीजी होते हैं इसलिए Sunday या छुट्टी के दिन ज्यादातर लोग प्रॉपर्टी देखना पसंद करते हैं. As an agent आपको किसी भी समय क्लाइंट को entertain करने के लिए तैयार रहना चाहिए. एक बार establish हो जाने के बाद आप कुछ employees hire करके उनसे भी ये काम करवा सकते हैं.

बहुत बार मालिक और ग्राहक की कीमत आपस में मिलती नहीं है और इसी वजह से ज्यादातर डील materialize नहीं हो पाती है. मालिक और ग्राहक को किसी एक कीमत के लिए राजी करना आपका काम है अगर आप इसमें सफल होते है तो आपको ब्रोकरेज मिलता है यह ब्रोकरेज 1 से 2 महीने का किराया या फिर जिस पर बात बन जाए वो होता है.

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सेल करा कर-
Property sale करा के यानि बिक्री की डील करवा के भी ब्रोकरेज मिल सकता है. यह ब्रोकरेज प्रॉपर्टी की कीमत का 1 से 1 प्रतिशत होता है.
For example: अगर आप 25 लाख रुपये का फ्लैट सेल कराते हैं तो आपको 2% के हिसाब से 50 हजार ब्रोकरेज मिलेगा.
लेकिन दोस्तों यह इतना आसान काम नहीं है. कोई भी डील इतनी आसानी से फाइनल नहीं होती. अकसर कीमत को लेकर parties agree नहीं होतीं, कभी-कभी loan pass न होने पर भी दिक्कत आ जाती है. लेकिन अगर सारी बाधाओं को पार कर के डील पक्की हो जाती है तो आपकी चांदी ही चांदी. 🙂

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